बहुत तकलीफ देते है वो जख्म. जो बिना कसूर के मिले हा.

मेरी आँखों में छुपी उदासी को महसूस तो कर, हम वो है, जो सबको हंसा कर रात भर रोते है

आज हमारे रिश्ते की हकीकत बस यही है, 'तुझे मोहब्बत थी', और मुझे आज भी है…

बहुत थक गये ऐ जिन्दगी..! बेहतर होगा तू हमारा हिसाब करदे..!

मैं कैसे भुला दुं उसे मौत इंसानो को आती है यादौ को नही

“ठीक हूँ मैं” وو ये झूठ अब और कहा नहीं जाता अब और दर्द मुझसे सहा नहीं जाता।

हमने  तुम्हारे लिए दुनिया भुला दी, और तुमने क्या किया हमें ही भुला दिया !