Best नफ़रत पर Shayari in Hindi : नफ़रत के असर पर शायरी

By shayarivibe

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Nafrat Shayari in Hindi

नफ़रत पर शायरी
नफ़रत एक ऐसी भावना है जो दिल को भारी करती है और रिश्तों को तोड़ने का कारण बनती है। जब समाज में नफ़रत का बीज बोया जाता है, तो उसकी फसल में दर्द, अलगाव और अशांति पैदा होती है। इसी विषय पर शायरों ने अपनी लेखनी के माध्यम से गहरी बातें कही हैं। यहाँ नफ़रत पर कुछ शायरी और उनके विचार साझा किए गए हैं।

नफ़रत के असर पर शायरी

नफरत शायरी Two Line

नफ़रत के दर्द को बयां करती शायरी
नफ़रत की आग जब दिल में जलती है,
सिर्फ अपने ही रिश्ते पिघलती है।
प्यार के फूल जो बगिया में खिल सकते थे,
अब राख में बदलने लगे हैं।


नफ़रत और मोहब्बत का फर्क
नफ़रत ने हर चमन को वीरान कर दिया,
मोहब्बत ने पत्थर को भगवान कर दिया।
फिर क्यों न मोहब्बत को गले लगाएँ,
और नफ़रत के हर साए को दूर भगाएँ।


नफ़रत से बचने की सीख
नफ़रत से भरा दिल सुकून नहीं पाता,
हर खुशी को वह अपने से दूर कर जाता।
मोहब्बत के इत्र से इसे महकाओ,
और नफ़रत को हमेशा के लिए मिटाओ।


नफ़रत का असर समाज पर
नफ़रत ने शहर को जला दिया,
दोस्तों को दुश्मन बना दिया।
मोहब्बत ने हर दर्द मिटा दिया,
बिछड़े दिलों को पास ला दिया।


सकारात्मक सोच का संदेश
नफ़रत से कुछ भी हासिल नहीं होता,
यह इंसानियत का दुश्मन बनता है।
प्यार और समझ से बेहतर कुछ नहीं,
क्योंकि यही दिलों को जोड़ता है।


नफ़रत और मोहब्बत के बीच का संघर्ष

नफ़रत और मोहब्बत का रिश्ता हमेशा विपरीत ध्रुवों जैसा रहा है। जहां मोहब्बत जोड़ती है, वहीं नफ़रत तोड़ती है। इस संघर्ष को शायरी में खूबसूरती से पेश किया गया है:

“नफ़रत ने रिश्तों को छीन लिया,
मोहब्बत ने दिलों को जीत लिया।
जिन रास्तों पर नफ़रत के कांटे थे,
वहीं मोहब्बत के फूल खिल गए।”

नफ़रत के दुष्प्रभाव पर विचार

नफ़रत का असर केवल भावनाओं तक सीमित नहीं रहता, यह सामाजिक और मानसिक विकास को भी बाधित करता है। इस पर एक शायरी है:

“नफ़रत ने इंसान को गुलाम बना दिया,
हर खुशी को उससे दूर कर दिया।
प्यार की जगह अगर घृणा बोई जाएगी,
तो दुनिया कभी सुखी न हो पाएगी।”

नफ़रत से बचने का संदेश

शायरों ने नफ़रत से बचने और इंसानियत के रास्ते पर चलने की प्रेरणा दी है। वे मानते हैं कि नफ़रत को जड़ से खत्म करना ही शांति और सुख का आधार है।

“नफ़रत को दिल से मिटा दो,
हर एक दुश्मन को अपना बना लो।
जिंदगी को मोहब्बत से भर लो,
हर एक लम्हे को हसीन बना लो।”

“नफ़रत से कुछ भी हासिल नहीं होता,
प्यार से ही जिंदगी संवरती है।
चाहे जितने भी गहरे घाव हों,
मोहब्बत ही हर दर्द पर मरहम रखती है।”

दोस्ती से नफ़रत पर शायरी

टूटे हुए याराने का दर्द
“जिस दोस्त पर खुद से ज्यादा ऐतबार किया,
उसी ने हर ख्वाब का कत्ल किया।
दोस्ती की जगह अब नफ़रत उग आई,
कभी जो दिल था, वो आज पत्थर सा हो गया।”


नफ़रत की वजह से बिछड़ना
“दोस्ती को हमने दिल से निभाया था,
उनके हर गम को अपना बनाया था।
पर उनकी नफ़रत ने ऐसा तीर चलाया,
कि अब दिल में सिर्फ खालीपन छाया।”


नफ़रत और दूरी
“दोस्ती के नाम पर जो नफ़रत मिली,
दिल ने वही कहानी सबको सुनाई।
दोस्ती में जो सुकून पाया था,
अब वही दर्द बनकर लौट आई।”


रिश्ते की कड़वाहट
“दोस्ती में वो मिठास न रही,
हर बात में अब तल्खी बस गई।
जहां कभी हंसी-ठिठोली का बसेरा था,
आज वहां नफ़रत का डेरा है।”


दोस्ती से सीख
“दोस्ती में कभी न घमंड करो,
छोटे-छोटे झगड़ों से नफ़रत न पनपने दो।
वरना रिश्ते में बस दर्द रह जाएगा,
और दोस्ती का नाम मिट जाएगा।”


नफरत शायरी Two Line

मोहब्बत सच्ची हो तो कभी नफरत नहीं होती है अगर नफरत होती है तो मोहब्बत सच्ची नहीं होती है

तेरी नफरत को मैने प्यार समझ कर अपनाया है प्यार से ही नफरत खत्म होता हैं तूने ही तो समझाया है।

दिल पर न मेरे यू वार कीजिए छोड़ो ये नफरत थोड़ा प्यार कीजिए तड़पते हैं जिस कदर तेरे प्यार में हम कभी खुद को भी उस कदर बेकरार कीजिए ।

मुझसे नफरत करने वाले भी कमाल का हुनर रखते हैं

मुझे देखना तक नहीं चाहते लेकिन नजर मुझ पर ही रखते हैं ।

नफरतों का सिलसिला जारी है लगता है दूर जाने की त्यारी है दिल तो पहले दे चुके हैं हम लगता है अब जान देने की बारी है।

तेरी मोहब्बत से मुझे नफरत हो गई है इसलिए शराब मेरी जीने की सहारा बन गई है।

तेरी नफरत से भी हमने प्यार किया था मगर तुमने हमे दर्द और जख्म दिया था।

इतनी नफरत है उसे मेरी मोहब्बत से उसने अपने हाथ जला लिए मेरी तकदीर मिटाने के लिए ।

.नफरत करने वालो से भी प्यार करो तो कोई बात बने

अपने जिंदगी को कुछ यूं बनाओ तो कोई बात बने।

नफरत के एक मिनट में सालों की मोहब्बत कैसे भूल गए तुम फरेबी चाहत थी तुम्हे हमसे इसीलिए तुमसे दूर हो गए हम।

जब से पता चला है की नफरत ही हमारी जिन्दगी का अंजाम है तब से हम जिन्दगी को हथेली पर लिए घूमते हैं।

नफरत करनी हर किसी को नहीं आती ये तो बस प्यार में जख्मी लोगों का काम है।

मोहब्बत जीवन से जाएगी तो नफरत रह जाती है और जीवन में नफरत ही नफरत रह जाती है।

उसे नफरत से क्या डराओगे जिसे मोहब्बत से ज्यादा नफरत ही मिली हो।

उसने मुझ से नफरत मरते दम तक करने की कसम खा ली है और मैंने भी उसे प्यार मरते दम तक करने की कसम खा ली है।

नफ़रत पर आधारित यह शायरी हमें याद दिलाती है कि नकारात्मक भावनाओं से बचकर हमें अपने जीवन को प्यार और समझदारी से भरना चाहिए। यह केवल हमारी निजी ज़िंदगी को बेहतर बनाएगा, बल्कि समाज में भी शांति और सौहार्द का वातावरण उत्पन्न करेगा।

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