दुख और उदासी से भरी हुई ज़िन्दगी की Alone & Sad Shayari जो हमें अपनी गहराईयों से रूबरू कराती है। इस शायरी में छिपा हुआ है वो अहसास जो दिल को छू जाता है, जब ज़िन्दगी की मुश्किलें और दर्द सच्चाई बन जाते हैं। रूठे हुए ख्वाबों की तलाश, खोए हुए सपनों का सफर, ये शब्द छूने वाले हैं।
जब हम अकेलापन महसूस करते हैं, तो हम उस भावना को व्यक्त करने के लिए Alone & Sad का उपयोग कर सकते हैं। यह अकेलेपन और उदासी की भावना को व्यक्त करता है जो हमारे दिलों में गहराई तक पहुँच जाती है।

सजा तो बहुत दी है, जिंदगी ने.. पर कुसूर क्या था मेरा ये नहीं बताया.!
हम तो आज भी अकेले नहीं रहते,हमारे अकेलेपन ने हमें अपना बना लिया है।

बुरे नहीं हैं हम, बस सबको अच्छे नहीं लगते..!
दर्द जब हद से ज्यादा बढ़ जाए,तो वो ख़ामोशी का रूप ले लेता है।

किसी को गलत समझ लेने से पहले उसकी हालत जरूर देख लेना।
अपनो ने अकेला इतना कर दिया,कि अब अकेलापन ही अपना लगता है।

जिंदगी उस दौर से गुजर रही है जहां दिल दुखता है और चेहरा हंसता है!
जिन्दगी मे और कुछ मेरा हो या ना हो,लेकिन गलती हमेशा मेरी ही होती हैं।

पता नहीं कब खत्म होगी ये जिन्दगी सचमें अब जीने का मन नहीं करता..,
इंसान सिर्फ एक कारण से अकेला पड़ जाता हैं,जब उसके अपने ही उसे गलत समझने लगते हैं..!!

पता तो मुझे भी था कि लोग बदल जाते हैं पर मैंने तुम्हें उन लोगों में गिना ही नहीं था
आज कुछ अजनबी सा अपना वजूद लगता है,साथ है सब मगर दिल क्यों अकेला सा लगता है !

तेरे बदलने का दुख नहीं है मुझको… मैं तो अपने यकीन पर शर्मिदा हूं…
मुझे गिरे हुए पत्तों ने सिखाया है,बोझ बन जाओगे तो अपने भी गिरा देंगे।

मतलब ना हो तो लोग, बोलना तो क्या देखना भी छोड़ देते हैं।
मैंने आज़ाद कर दिया हर वो रिश्ता,हर वो इंसान,जो सिर्फ अपने मतलब के लिए मेरे साथ था।

अब थोड़ा जल्दी कामयाब कर दे ऐ खुदा.. अब घर के बुरे हालात देखे नहीं जाते
दिल में जलन आंखों में तूफान हैहमेशा खुश रहने वाला शख्सआज बहुत परेशान है ..! !

दुख की बात ये है कि हम हम उस दौर में जी रहे हैं जहां मासूमियत को भी बेवकूफी कहा जाता है
ना आंसुओ से छलकते हैना कागज़ पर उतारते हैंदर्द कुछ होते हैं ऐसे जोबस भीतर ही भीतर पालते है।

जनाब तुम मोहब्बत की बात करते हो हमने तो दोस्ती में भी धोखे खाएं हैं
वहां से बिगड़ी है जिंदगी मेरीजहाँ से साथ तुमने छोड़ा था

मोहब्बत में हम सिर्फ उनसे हारे हैं जो हमसे ये कहते थे कि हम सिर्फ तुम्हारे हैं
लोग हमारी क़दर उस वक़्त नहींकरते जब हम अकेले हो बल्कि,उसवक़्त करते हैं जब वो अकेले होते हैं.

अकेले खड़े रहने का साहस रखिए, दुनिया ज्ञान देती है साथ नहीं!!
इस दुनिया की सच्चाई और राजजितना कम जानोउतना ज्यादा ही अच्छा है..

तुम पर मरने से बेहतर था हम किसी हादसे में मर जाते
ख्वाहिशों की पोटली सिर लिए चल रहा हूँ,मैं अकेला ही अपनी मंज़िल की और चल रहा हूँ

ये दुनिया है जनाब महफ़िल में सलाम और अकेले में बदनाम करती है!
इश्क से ज्यादा तो किस्मत बेवफा होती हैजरूरत के वक्त ही साथ छोड़ जाती है.!!

तुम पर मरने से बेहतर था हम किसी हादसे में मर जाते
हजारों महफिलें हैं और लाखों मेले हैं,पर जहाँ तुम नहीं वहाँ हम अकेले हैं।

जिंदगी नहीं रुलाती है रुलाते हैं वो लोग जिन्हें, हम जिंदगी समझ लेते हैं..
तुम क्या जानो हम अपने आपमें कितने अकेले है,पूछो इनरातो से जो रोज़ कहती है केखुदा के लिए आज तो सो जाओ

कभी-कभी मेरा दिल करता है कि बैठकर इतना रोऊँ कि रोते-रोते ही मर जाऊं
हम वहां काम आएंगे, जहांतुम्हारे अपने अकेला छोड़ जाएंगे।

वक़्त ने बता दी लोगों की औकात वरना हम वो थे जो सबको अपना कहते थे….।
वो इंसान दुनिया जीतने की हिम्मतरखता है,जो इंसान अकेले चलने कीहिम्मत रखता है।

बदलते तो सब हैं कोई सही वक्त पे तो कोई बुरे वक्त पे..!
कैसे गुजरती है मेरी हर एकशाम तुम्हारे बगैर अगर तुमदेख लेते तो कभी तन्हा नछोड़ते मुझे।

आज के ज़माने में खुश वही है जो मतलबी है
अब डर अकेले से नहीं.लगाव से लगता है..!

जरूरत से ज्यादा इज्जत, और वक्त देने से लोग बदल जाते हैं।
जिनकी की मोहब्बत सच्ची होती है,उनके नसीब में दर्द ही लिखा होता है..!

दिल धोखे में है और धोखेबाज दिल में
ना आंसुओ से छलकते हैना कागज़ पर उतारते हैंदर्द कुछ होते हैं ऐसे जोबस भीतर ही भीतर पालते है।

मैं कभी भूलूंगा नहीं लोगों ने वक्त देखकर अकेला छोड़ा था
कई बार कसूर किसी का भी नही होता,बस एक गलतफहमी खूबसूरत रिश्तेको तबाह कर देती है..!!

तू और तेरे वादे दोनों ही झूठे निकले
कुछ कह गए,कुछ सह गए,कुछ कहते-कहते रह गए,मै सही और तुम गलत के खेल में,न जाने कितने रिश्ते ढह गए।

मैं नाराज नहीं हूं तुम से पर दिल दुखा है मेरा…
काश तू समझ सकती मोहब्बत के उसूलों को,किसी की साँसों में समाकर उसे तन्हा नहीं करते !

ज़नाब तुम मोहब्बत की बात करते हो हमने तो दोस्ती मैं भी धोखे खाये हैं।
चेहरे बदल जाए तो कोई तकलीफ नहीं ! अगर लेहज़े बदल जाए तो बहुत तकलीफ होती है !

दुःख की बात यह है कि हम उस दौर में जी रहे हैं कि मासूमियत को भी बेवकूफ़ी कहा जाता है।
भूलने वाली बातें याद हैं ! इसलिए ज़िन्दगी में विवाद है !!

उतर गए हैं सब दिल से अब अकेले रहना ही अच्छा लगता है
“अकेले ही गुज़रती है ज़िन्दगी ! लोग तसल्लियाँ तो देते है पर साथ नहीं !!”

मन ही तो था कोई और बहला गया होगा दिल ही तो था किसी और पर आ गया होगा
गुज़र जायेगा ये दौर भी ज़रा सब्र तो रख ! जब खुशियाँ ही न रुकी तो ग़म की क्या औकात है !!

एक बात हमेशा याद रखना • जो आया वो अपना था और जो गया वो सपना था।
सोचा था एक घर बनाकर बैठूंगा सुकून से ! लेकिन घर की ज़रूरतो ने मुसाफिर बना दिया !!
दिल में आने का रास्ता तो होता है, लेकिन जाने का नहीं ! इसलिए जो भी जाता है दिल तोड़कर जाता है !!
आँसुओ का कोई वज़न नहीं होता ! लेकिन निकल जाने पर मन हल्का हो जाता है !!
ज़िन्दगी में मंज़िले तो मिल ही जाती हैं ! लेकिन वो लोग नहीं मिलते जिन्हें दिल से चाहा हो !’
बनना है तो किसी के दर्द की दवा बनो ! जख्म तो हर इंसान देता है !!
छोटे बच्चे के निकले आंसू और प्यार में निकले आंसू दोनों एक सामान हैं ! दोनों को पता है कि दर्द कहा है लेकिन किसी को बता नहीं सकतें !!
ज़रा सी वक़्त ने करवट क्या ली ! गैरों की लाइन में सबसे आगे अपनों को पाया हमने !!
जल्दी सो जाया करो दोस्तों ! यूँ रातभर जागने से मोहब्बत लौट कर नहीं आती !!
हर किसी में तुझे पाने की कोशिश की ! बस एक तुझे न पाने के बाद !!
यूँ सिमट गया मेरा प्यार चंद अल्फाज़ो में ! जब उसने कहा मोहब्बत तो है पर तुमसे नहीं !!
हँसकर दर्द छुपाने का हुनर मशहूर था मेरा ! पर कोई हुनर काम न आया जब तेरा नाम आया !!
तू मेरी चाहत का एक लफ्ज़ भी नहीं पढ़ सकी ! और मैं तेरे दिए हुए दर्द की किताब को रोज़ पढ़ते पढ़ते सोता हूँ !!
मैं कहाँ जनता हूँ दर्द की क़ीमत ! मेरे अपनों ने मुझे मुफ्त में दिया है !!
रूठूँगा तुझसे तो इस क़दर रूठूँगा तेरी आँखे तरस जाएगी मेरी एक झलक को !!
मेरी हर आह ! के बदले वाह ! मिली है मुझको ! कौन कहता है कि दर्द बिकता नहीं !!
यही सोचकर सफाई नहीं दी हमने ! इल्ज़ाम भले ही झूठे हैं पर लगाए तो तुमने हैं !!
न जाने किस कॉलेज से ली थी मोहब्बत की डिग्री उसने ! जितने भी मुझसे वादे किये थे सब फ़र्ज़ी निकले !!
धोखा देने के लिए शुक्रिया तेरा ! तुम न मिलती तो दुनिया की समझ न आती !!
तू मेरी चाहत का एक लफ्ज़ भी नहीं पढ़ सकी ! और मैं तेरे दिए हुए दर्द की किताब को रोज़ पढ़ते पढ़ते सोता हूँ !!
ये दिन भी क़यामत की तरह गुज़रा है ! न जाने क्या बात थी हर बात पर रोना आया !!
रिश्तें उन्ही से बनाओ ! जो निभाने की औकात रखते हों !!
जहां कभी तुम हुआ करते थे ! वहां अब दर्द होता है !!
उम्मीद से बढ़कर निकली तुम तो ! मैंने तो सोचा था दिल ही तोड़ोगी तुमने तो मुझे ही तोड़ दिया !!
न जाने किस कॉलेज से ली थी मोहब्बत की डिग्री उसने ! जितने भी मुझसे वादे किये थे सब फ़र्ज़ी निकले !!
मैं हमेशा डरता था उसे खोने से ! उसने ये डर ही ख़त्म कर दिया मुझे छोड़कर !!
अभी धूप निकलने के बाद भी जो सोया है ! वो ज़रूर तेरी याद में रातभर रोया है !!